किसान आत्म हत्याओं मे संख्या लघु और सीमान्त किसानों की ही अधिक होती है । आज भी यही वर्ग सेठ ,महाजनों से ऋण लेता है और न चुका पाने के कारण आत्म हत्या करने को मजबूर होता है । सरकारी बैंकों से मात्र ६ या ७ प्रतिशत इन छोटे किसानों को ऋण देकर इतिश्री कर ली जाती है ।
आइये इनके समर्थन में देश व्यापी आन्दोलन करें ।
राजकुमार सचान होरी
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